निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिएः

शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और.... दुःखी होने का भी एक अधिकार होता है|

लेखक यशपाल का प्रस्तुत कहानी में अपने संस्मरणों के आधार पर ऐसा मानना है। वास्तव में वह दो विभिन्न परिस्थितियों में एक अनहोनी की प्रतिक्रिया दो अलग-अलग रुपों में पाता है। यह अनहोनी प्रस्तुत पाठ में जवान बेटे के मरने की है जो अमीर और गरीब दो विभिन्न घरों या कहिये परिस्थितियों में होती है। लेखक अमीर और सुख सुविधा संपन्न घर में दुख को मनाने की सहूलियत देखता है। लेखक का मानना है कि ऐसे घरों में लोगों को अपने पेट की चिन्ता करने से मुक्ति मिलने पर उनके पास शोक मनाने का ‘एक्स्ट्रा टाइम’ होता है, समय की सहूलियत होती है और इस प्रकार इन्हें दुख मनाने का अधिकार भी मिल जाता है।


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